UGC की गाइडलाइन जारी, सितंबर मे होंगी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की परीक्षाएं University Grants Commission
University Grants Commission सभी विश्वविद्यालय और महाविद्याल्य अब अपनी अटकी पड़ी फ़ाइनल वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक करा सकेंगे।
गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद यूजीसी (UGC) ने सोमवार देर रात विश्वविद्यालयों और कालेजों की परीक्षाओं
को लेकर संशोधित गाइड लाइन जारी कर दी है । University Grants Commission
जिसमें जुलाई में परीक्षाओं को कराने जैसी अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।
साथ ही अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य बताते हुए इन्हें सितंबर के अंत तक कराने की अनुमति दी है।
जो की ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी माध्यम से कराई जा सकेंगी।
यूजीसी (University Grants Commission) ने इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और कालेजों को यह भी छूट दे दी है,
वह इन परीक्षाओं की स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए 30 सितंबर तक कभी भी करा सकते हैं।
हालांकि परीक्षा कराने से पहले यूजीसी (University Grants Commission) को इसकी जानकारी देनी होगी।
स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने की छूट
यूजीसी ने इससे पहले 29 अप्रैल को जारी गाइडलाइन में सभी विश्वविद्यालय और
महाविद्याल्य से एक से पंद्रह जुलाई के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने को कहा था।
जबकि पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाएं कराने के लिए 15 से 30 जुलाई तक का समय तय किया था।
इस बीच कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों और विश्वविद्यालयों ने मौजूदा परिस्थितियों में
परीक्षाएं कराने से हाथ खड़े कर दिए थे।
जिसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय MHRD ने यूजीसी से परीक्षाओं को लेकर जारी
गाइडलाइन की नए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए थे।
अंतिम वर्ष की परीक्षा अनिवार्य, ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से कराई जा सकेंगी
(University Grants Commission) यूजीसी ने इसके बाद हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति की
अगुवाई में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी।
जिसकी रिपोर्ट के बाद यूजीसी बोर्ड ने यह फैसला लिया है।(University Grants Commission Website)
ने इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिया है,
कि यदि इसके बाद भी कोई छात्र अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं दे पाता है तो उचित कारण पाए जाने पर
उसे बाद में परीक्षा का मौका दिया जाए। संशोधित गाइडलाइन में यूजीसी का सबसे ज्यादा जोर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर है।
जबकि पहले और दूसरे वर्ष के लिए यूजीसी ने पहले ही विश्वविद्यालयों से आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट करने के निर्देश दिए हैं।
यूजीसी बोर्ड की बैठक में इस दौरान नए शैक्षणिक सत्र और प्रवेश परीक्षाओं को लेकर बाद में अलग से गाइडलाइन जारी करने को लेकर सहमति बनी है।
बाद में गृह मंत्रालय से अनुमति के बाद गाइडलाइन जारी कर दी गई।
बता दें कि यूजीसी की संशोधित गाइडलाइन आने से पहले देश के कई राज्य और विश्वविद्यालय जुलाई में परीक्षाएं कराने की योजना को रद कर चुके हैं।
अब तक के निर्णय के पश्चात बताया गया है की फ़ाइनल वर्ष वालों की परीक्षा करवाना (University Grants Commission) यूजीसी ने अनिवार्य बताया है |